रंग तेरस पर कल खेलेंगे कोड़ामार होली, मांडल में होगा नाहर नृत्य
<p><strong>भीलवाड़ा (हलचल)। </strong> रंग तेरस पर्व पर जीनगर समाज द्वारा परंपरागत कोड़ामार होली का आयोजन 19 मार्च रविवार को किया जाएगा। विगत दो सौ वर्षों से जीनगर समाज रंग तेरस पर कोड़ामार होली का आयोजन करता रहा है जिसमें समाज के नवविवाहित जोड़ों सहित सभी युवक-युवतियां भाग लेते हैं। आयोजन में महिलाएं रंग भरे बड़े कड़ाह के पास कोड़े लेकर खड़ी रहती है। पुरुष उसमें से पानी भर कर महिलाओं पर बौछारें करते हैं। इसके जवाब में महिलाएं रंग से भीगे हुए कोड़ों से पुरुषों पर प्रहार करती है। <br />
मांडल में रंगतेरस पर रविवार को बड़ा मंदिर चौक दशहरा चौक में पारंपरिक नाहर नृत्य का आयोजन किया जाएगा। इसे देखने कई गांवों के साथ ही जिला मुख्यालय से भी बड़ी संख्या में लोगों को हुजूम उमड़ पड़ेगा। <br />
नाहर नृत्य ऐतिहासिक परंपरा है। यह परपंरा 1614 ईस्वी से शाहजहां के वक्त से है। मेवाड़ में जब मुगलों का शासन था और वे आये और जब वापस जा रहे थे तब कस्बे के लोगों ने नृसिंग अवतार के रुप में उनके सामने एक श्वांग रचकर नृत्य किया। वे बहुत खुश हुए और कहा कि ये परपंरा जिंदा रहनी चाहिए। मुगलों के शासन काल में यह प्रोग्राम पुरानी दिल्ली में चलता रहा जो समय के साथ बंद हो गया। लेकिन यहां यह श्वांग गांव का एक त्योंहार बनकर रह गया है। इस नाहर नृत्य से पहले सुबह कस्बावासी रंग खेलेंगे। दोपहर में बादशाह-बैगम की सवारी निकाली जाएगी। </p>