पानीपत/ इन दिनों टेक्सटाइल सिटी मंदी और महंगाई की मार से जूझ रही है। मिंक कंबल की मांग में कमी के चलते कंबल उत्पादक भाव नहीं बढ़ा पा रहे। धागे के भाव बार-बार बढ़ते जा रहे हैं। जैसे ही थोड़ी मांग कंबल की निकलती है, ट्रांसपोर्टर भी भाड़ा बढ़ा देते हैं। हालही में ट्रांसपोर्टरों ने महाराष्ट्र से पोलियस्टर यार्न लाने का भाड़ा 3.10 से बढ़ाकर 4.70 रुपये किलो कर दिया है। साथ ही यह भाड़ा नेट वेट पर न लगाकर ग्रोस पर लगाया जा रहा है।पोलियस्टर यार्न के भाव मिल्स ने तो कम नहीं किए, लेकिन ट्रेडर्स ने डिमांड न होने के कारण कम किए हुए हैं। जैसे ही डिमांड निकलेगी पोलियस्टर यार्न के भाव बढ़ जाएंगे। इन परिस्थितियों में मिंक कंबल उद्योगों को बचाने के लिए कंबल उद्यमियों ने संयुक्त रूप से फैसले लिए है।
पानीपत में ज्यादातर तक कंबल की मिल आउटर में लगी हुई है। अलग-अलग क्षेत्र की आठ एसोसिएशन बनी हुई है। इन सभी ने एक फेडरेशन बनाने का फैसला लिया है।कंबल की ओवर प्रोडक्शन को देखते हुए सप्ताह में हर रविवार को 24 घंटे उद्योग बंद रखने, 18 प्रतिशत सीजन में रेट बढ़ाने, धागे की पारदर्शी पालिसी लागू करवाने, भाड़ा नेट वेट पर लगाने अथवा रेलवे से कंटनेर में पर धागा मंगवाने का फैसला लिया है।
बापौली मिंक ब्लैंकिट एसोसिएशन के प्रधान नवीन बंसल ने बताया कि ओवर प्राडक्शन को देखते हुए प्राडक्शन कम करने का फैसला संयुक्त रूप से लिया गया है। साथ ही सीजन में भाव वृद्धि की जाएगी ताकि उद्योग नुकसान में नहीं रहे। इसके अतिरिक्त यदि ट्रांसपोर्टर नेट वेट पर माल लाने में सहमत नहीं होते तो रेलवे से कंटेनर में माल मंगवाया जाएगा। रेलवे का भाड़ा 3.65 रुपये किलो पड़़ता है। धागा मिल वालों को पारदर्शिता से काम करना होगा। आर्डर देते हुए उसकी एक प्रति मिल वालों को डीलर को देनी होगी। ताकि आर्डर रद न हो।