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विद्यालय सहायक नहीं बन सकेंगे 45 साल से अधिक उम्र वाले संविदाकर्मी, विरोध में लगाया धरना

विद्यालय सहायक नहीं बन सकेंगे 45 साल से अधिक उम्र वाले संविदाकर्मी, विरोध में लगाया धरना

बीकानेर । राज्य सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने के लिए प्रोसेस तो शुरू कर दिया लेकिन 45 साल से अधिक आयु के युवक और युवती इस दौड़ में शामिल नहीं हो सकेंगे। ऐसे संविदाकर्मियों को या तो नौकरी से बाहर जाना पड़ेगा या फिर संविदाकर्मी के रूप में ही काम करना होगा। दरअसल, "ओवरएज केंडिडेट्स" को नियमित नहीं किया जा रहा है। संघ के भीलवाडा़ जिलाध्यक्ष अरविन्द सिंह व महावीर सोनी के अनुसार इसी नियम के विरोध में बीकानेर के शिक्षा निदेशालय पर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है।

दरअसल, संविदा नियम 2022 के तहत विद्यालय सहायक पद के लिए ग्राम पंचायत सहायकों व अन्य संविदाकर्मियों को शामिल किया जा रहा है। इसमें शर्त रख दी गई है कि केंडिडेट्स की उम्र 45 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे में बड़ी संख्या में संविदाकर्मी 45 साल से अधिक उम्र के हैं। जो नियमित नहीं हाे सकेंगे। इन संविदाकर्मियों का कहना है कि जब उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी, तब उनकी उम्र 45 साल नहीं थी। उसी आधार पर नियमित किया जाना चाहिए। उम्र में शिथिलन नहीं मिलने की स्थिति में संविदा से नियमित करने का कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। न सिर्फ उम्र बल्कि संतान और पुराने अनुभव को लेकर भी शिथिलन की मांग की जा रही है। दरअसल, बड़ी संख्या में बेरोजगार पिछले पंद्रह से बीस साल से संविदा पर काम कर रहे हैं। ऐसे में तीस से पैंतीस साल की उम्र में जिन्होंने संविदा पर काम शुरू किया था, उन्हें अब बाहर करने से नुकसान होगा। ऐसे कर्मचारी उम्र के इस पड़ाव में कोई अन्य कार्य नहीं कर सकेंगे।

कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें दो से अधिक संतान के नियम में भी शिथिलन दिया जाए। पूर्व में उनके लिए ऐसा कोई नियम नहीं था। बड़ी संख्या में संविदाकर्मियों के तीन बच्चे भी है। उन्हें भी नियमित नहीं किया जा रहा है। साथ ही पिछले वर्षों के अनुभव को जोड़ते हुए उसका लाभ दिया जाना चाहिए।