भीलवाडा,/शाहपुरा। कांग्रेस राज में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री और राज्य घुमन्तु जाति कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे गोपाल केसावत को जयपुर की एक अदालत ने एक साल के कारावास और 20 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि जमा नहीं कराए जाने पर उन्हें 2 माह का अतिरिक्त कारावास और भुगतना होगा।
केसावत के खिलाफ मालवीय नगर स्थित नीति नगर में रहने वाले ऋषिकेश शर्मा ने अदालत में परिवाद दायर किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त केसावत ने व्यावसायिक जरूरत बताते हुए उससे 15 लाख रुपए उधार लिए थे। पैसे लौटाने की गारंटी बतौर उसने दो चैक 10 लाख और 5 लाख रुपए के 10 अक्टूबर, 2017 और 10 नवंबर, 2017 की तारीख में जारी किए। लेकिन, जब उसने इन चैकों को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो 9 नवंबर, 2017 और 16 नवंबर 017 को बैंक ने यह कहकर लौटा दिया कि खाताधारक के खाते में पर्याप्त राशि यानि बैलेंस नहीं है।
पीड़ित ऋषिकेश शर्मा के वकील ने अदालत को बताया कि इस संबंध में गोपाल केसावत को 25 नवंबर, 2017 को वकील के जरिए कानूनी नोटिस भी भिजवाया गया। लेकिन, उसने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया। इसलिए उसे सख्त सजा दी जाए। जबकि केसावत के वकील का कहना था कि केसावत ने ऋषिकेश शर्मा से कभी भी पैसे उधार नहीं लिए और ना ही उसने कभी 5 और 10 लाख रुपए के चैक दिए। बल्कि उसने 3 लाख रुपए उधार लेकर खाली चैक दिए थे। फरियादी ने चैकों को दुरुपयोग करके उसमें मनमानी राशि भरकर उनका दुरुपयोग किया है। लेकिन, मामले की सुनवाई कर रही न्यायाधीश कविता मीणा ने केसावत की दलीलों को खारिज कर दिया