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राजस्थान में लिथियम भंडार मिले

राजस्थान में लिथियम भंडार  मिले

डेगाना में लिथियम के भंडार मिले हैं, जिसे ‘सफेद सोना’ यानी व्हाइट गोल्ड भी कहा जाता है। GSI और माइनिंग अधिकारियों का दावा है कि यहां मिले लिथियम के भंडार की कैपेसिटी हाल में जम्मू कश्मीर में 59 लाख टन लिथियम के भंडार से भी कहीं ज्यादा है।

दावा है कि यहां इतना लिथियम है कि भारत की टोटल डिमांड की 80 फीसदी भरपाई इससे हो सकती है। अब तक भारत लिथियम के लिए चीन पर निर्भर है। लेकिन अब माना जा रहा है कि चीन की मोनोपोली खत्म होगी और खाड़ी देशों की तरह राजस्थान की किस्मत की सितारे भी बुलंद होंगे।

दरअसल, लिथियम एक ऐसा नॉन फेरस मेटल है, जिसका उपयोग मोबाइल-लैपटॉप, इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में किया जाता है। भारत लिथियम के लिए पूरी तरह महंगी विदेशी सप्लाई पर निर्भर है। अब GSI को राजस्थान में नागौर के डेगाना के आसपास लिथियम के बड़े डिपॉजिट मिले हैं।