नमन करूं मैं सरस्वती दे विद्या का दान
भरा हुआ हममे माता अंधकार अज्ञान
हम बच्चे नादान हैं तेरे
लगा रहे हैं दिन-भर फेरे
करते वंदना हाथ जोड़ हम
अक्षर ज्ञान हमें भी देरे
हे अक्षर-देवी अक्षरा कर हमे सज्ञान
भरा हुआ हममे माता अंधकार अज्ञान
ऐ पद्मासना हंस वाहिनी
वीणा सुखद मनोहर वादिनी
कंठ राग रच आकर सुरभित
हे वागेश्वरी वरदायिनी
विनती सुन माँ वाणी, दे भाषा का ज्ञान
भरा हुआ हममे माता अंधकार अज्ञान
कर मन को शांत मां शारदे
तपनहीन शीतल विचार दे
वरदान पुष्प देकर अपना
मधुर सरल सुन्दर निखार दे
दे प्रखर बुद्धि वेद-माँ मिले हमें सम्मान
भरा हुआ हममे माता अंधकार अज्ञान
डाॅ एम डी सिंह