खुशी के मौके पर घर पर आप अपने रिश्तेदारों, नातेदारों और दोस्तों को बुलाते हैं, जो आपके निमंत्रण पर आपके घर आते हैं। लेकिन एक वर्ग विशेष ऐसा है जो आपके बुलाने से नहीं अपितु बिना बुलाए आपके घर आते हैं और आपके यहाँ जश्न मानते हैं। फिर चाहे मौका घर में शादी का हो, घर में नया मेहमान आया हो या फिर आपने नया घर खरीदा हो और गृह प्रवेश किया हो। ये वे मौके होते हैं जब इस समुदाय के लोग आपके द्वार पर आते हैं। यह समुदाय है किन्नरों का। मान्यता है कि किन्नर घर आएं और दक्षिणा मांगें तो उन्हें खुश करके ही भेजना चाहिए, इससे भाग्य चमक उठता है। समाज में मान्यता है कि किन्नर को किए गए दान से मिलने वाला पुण्यफल अक्षय होता है। उनकी दी हुई दुआ व्यक्ति को विपत्ति से बचाती है। खुशी के अवसर पर किन्नर को धन का दान दिया जाता है। यदि आप पैसों की तंगी से परेशान हैं और इससे मुक्ति चाहते हैं तो किसी किन्नर से एक रुपये का सिक्का वापस ले लें। यदि किन्नर अपनी खुशी से आपको सिक्का दे देता है तो उसे हरे कपड़े में लपेट कर अपने पर्स में रखें या तिजोरी में रखें। मान्यता है कि अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको कभी धन संबंधी परेशानी नहीं होगी। हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि घर आए किन्नर को नाराज होकर न जानें दें, उनसे हमेशा प्यार से ही बात करें। जब भी आपके घर में किन्नर आएं तो उसे मन मारकर पैसे न दें। जब भी किसी किन्नर को पैसे दिए जाते हैं तो वो हम सब को बहुत सी दुआएं देते हैं ऐसा माना जाता है कि किन्नर के मुंह से निकली दुआ हमारे लिए कल्याणकारी होती हैं। इन दुआओं का फल हमें अपने जीवन में बहुत जल्दी देखने को मिलता है। जितनी इनकी दुआएं असरदार होती हैं उतनी ही खतरनाक इनकी बद्दुआएं भी होती हैं इसलिए इनको कभी निराश नहीं करना चाहिए। घर में जब भी किन्नर हमसे पैसा मांगने आता है तो हमारी यही कोशिश रहती है कि जितना जल्दी हो सके उसे पैसे दे दिये जाये ऐसे में जब किन्नर को आप पैसे देते हैं और वो आपके घर से जा रहा होता हैं तो आप उस समय सिर्फ दो जादुई शब्द बोल देंगे तो आपको लाखों का फायदा हो सकता है। वह जब घर से जाने लगें तो उनके लिए जरूर बोलें कि 'और आइएगा', ऐसा कहने से वे खुश होकर जाते हैं और घर में हमेशा बरकत बनी रहती है।