नयी दिल्ली : भारत में आज 74वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया जा रहा है. कोरोना वायरस के संक्रमण के भय के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया. इस मौके पर देश के पड़ोसी देशों ने भी स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं. सबसे बड़ी बात है कि तनाव को भुलकर चीन और नेपाल ने भारत को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.
भारत में चीन के राजदूत सुन वेईडॉन्ग ने आपसी सहयोग के साथ विकास करने की उम्मीद जताई, वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने खुद पीएम नरेंद्र मोदी को फोन को बधाई दी. वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्वीट कर भारत को शुभकामनाएं दी हैं. वहीं अमेरिका ने भी भारत को स्वाधिनता दिवस की शुभकामनाएं दी हैं.
भारत में चीन के राजदूत ने लद्दाख के गलवान घाटी में मौजूदा तनाव के बीच स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्राचीन सभ्यताओं वाले दोनों देश एक-दूसरे के साथ मिलकर शांति के साथ समृद्ध हों और आपसी सहयोग के साथ विकसित हों. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है और दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं.
दूसरी ओर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, जिन्होंने हाल के दिनों में भारत विरोधी बयान देने में कोई परहेज नहीं की है, उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोनकर भारत के प्रगति और समृद्धि की कामना की.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारतीयों को उनके 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत के बीच मित्रता एवं साझी लोकतांत्रिक परम्पराओं के कारण निकट संबंध हैं. पोम्पिओ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत को शुभकामनाएं देते हुए शुक्रवार को अपने संदेश में कहा, अमेरिकी सरकार और अमेरिकी लोगों की ओर से मैं भारत के लोगों को उनके स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं देता हूं.
उन्होंने कहा, भारत ने जब 73 साल पहले स्वतंत्रता प्राप्त की थी, तब से अमेरिका और भारत के बीच मित्रता और साझी लोकतांत्रिक परम्पराओं के कारण निकट संबंध हैं. उन्होंने कहा कि समय के साथ, ये संबंध विकसित होकर समग्र वैश्विक सामरिक साझेदारी तक पहुंच गए हैं. दोनों देशों के बीच 21वीं सदी में वैश्विक सुरक्षा एवं समृद्धि संबंधी अहम मामलों पर निकट संबंध हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत रक्षा, आतंकवाद से निपटने, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्यसेवा, कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, अंतरिक्ष, महासागरों और कई अन्य मामलों में मिलकर काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले का परिसर आगंतुकों की भीड़ से गुलजार रहता है, लेकिन इस बार समारोह में कई सीटें खाली रहीं. कोरोना वायरस महामारी के कारण आने वाले लोगों को मास्क पहनना पड़ा और सामाजिक दूरी का भी पालन करना पड़ा.